Kanohar Lal Snatakottar Mahila Mahavidyalaya

प्राचार्या की लेखनी से

"अपने युवाओं के दिमाग को शिक्षित करते समय, हमें उनके हृदय को शिक्षित करना नहीं भूलना चाहिए" - दलाई लामा

किसी भी समाज की प्रगति उसकी उन्नतिशीलता को प्रकट करती है, वहीं एक सुसंस्कारित समाज की नींव शिक्षा की मजबूती पर निर्भर करती है।

उच्च शिक्षा, विकास के प्रतिमानों को संपुष्ट करने का एक महत्वपूर्ण कारक है। नारी सशक्तिकरण की आधारशिला भी नारी शिक्षा ही है। शिक्षा, सामाजिक परिवर्तन के एक साधन के रूप में, न केवल चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि व्यक्ति को दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार करती है। ऐसे में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ाने एवं अंचल की छात्राओं को आधुनिक, गुणवत्तापरक, रोजगार सशक्त एवं समग्र शिक्षण उपलब्ध कराने के विराट संकल्प के साथ 1969 में स्व. सेठ श्री कनोहर लाल जी ने इस महाविद्यालय की स्थापना की थी। तब से कनोहर लाल ट्रस्ट सोसाइटी और यह महाविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के संवाहक के रुप में प्रगति पथ पर सतत अग्रसर है। राष्ट्र की शिक्षा नीति एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जैसे नियामक संस्थाओं के मापदंडों के अनुरूप उच्च शिक्षा में समकालीन वैश्विक परिप्रेक्ष्य की आवश्यकताओं से तालमेल बिठाते हुए यह महाविद्यालय चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय एव शिक्षा जगत में आज एक सम्मानजनक नाम व पहचान है।

महाविद्यालय में उपलब्ध अधोसंरचनाएं, अनुभवी एवं प्रशिक्षित प्राध्यापिकाओं द्वारा अध्यापन कार्य, प्रायोगिक कार्य हेतु सर्व सुविधा संपन्न प्रयोगशालायें, इंटरनेट के उपयोग हेतु वाई-फाई परिसर, लायब्रेरी, रोजगारोन्मुखी व्यवसायिक पाठ्यक्रम, हरा-भरा परिसर आपके व्यक्तित्व विकास में सहायक होगा। छात्राएँ शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्यिक एवं रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकती हैं | इस हेतु एक साथ सशक्त मंच उपलब्ध कराना महाविद्यालय का एकमात्र लक्ष्य है। अनुशासन, मूल्य और सत्यनिष्ठा इस संस्था की नींव हैं। हमारी दृष्टि भारत के कर्तव्यनिष्ठ, आत्मविश्वासी नागरिकों को तैयार करना है जो दुनिया में हमें गौरवान्वित करेंगे।

सफलता उन्हें मिलती है जो कड़ी मेहनत करते हैं, और उनके साथ रहती है जो अतीत की उपलब्धियों पर आराम नहीं करते हैं। हम कभी भी आत्मसंतुष्ट नहीं होते हैं और हम सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए लगातार सुधार करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हम आगे बढ़ते रहेंगे और समृद्ध होते रहेंगे। हम अपने छात्राओं के लिए महत्वाकांक्षी हैं और मुझे विश्वास है कि महाविद्यालय परिवार का हर सदस्य, यहां से शिक्षा ले चुके, ले रहे और लेने वाली सभी छात्राएँ इस महाविद्यालय के सफलता की कहानी का हिस्सा बनना चाहते हैं। आइए, हम अपना सर्वश्रेष्ठ दें और इस संस्थान को अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से शिक्षा का एक आधुनिक मंदिर बनाएं। आप सभी को शुभकामनाएं।

Dr. Alka Chaudhary

प्राचार्या